मोटापा कम करने में सहायक "सूर्य नमस्कार" आसन व अश्वगंधा की पत्ती - योगाचार्य विजय श्रीवास्तव


वर्तमान परिप्रेक्ष्य में देखा जाये तो आज हर व्यक्ति चाहता है कि उसकी काया पर चर्बी न हो यानि मोटापा न रहे | सच पूछा जाये तो मोटापा तो रोग की श्रेणी में आता है | इसलिए इस मोटापे से बचने के लिए कोई डायटिंग तो कोई डांस तो कोई तैराकी तो कोई मॉर्निंग वाक तो कोई जॉगिंग तो कोई रस्सी कूदता है, लेकिन योग व हर्बल के द्वारा मोटापा पूरी तरह से नियंत्रित हो जाता है | योग के अंतर्गत आने वाले सूर्य नमस्कार आसन के द्वारा तथा अश्वगंधा के नियमित चार पत्ती के सेवन से निश्चित ही मोटापे से मुक्ति मिलती है | नित्य लौकी का जूस भी सेवन करने से बढ़ती हुई चर्बी को रोका जा सकता है | यदि मोटापा से ग्रसित व्यक्ति यदि वर्ष में दो बार चंद्रायण व्रत कर ले तो निश्चित तौर पर बीस किलो वजन घट जाता है | उपरोक्त के अलावा नित्य यौगिक क्रियाओं के अलावा कुछ बिन्दुओं पर भी व्यक्ति अगर ध्यान दे तो सोने पे सोहागा की तरह काम करेगा जैसे रोज कम से कम तीन से चार लीटर पानी पीना, नित्य कम से कम एक से दो किलो मीटर पैदल चलना, ऐसा खाद्य पदार्थ लेना जिसमें 'वसा' कम हो तथा फाइबर की मात्रा अधिक हो, घर के इर्द गिर्द, मुहल्लों इत्यादि पास-पड़ोस में जाने के लिए पैदल ही जाएँ | आहार संतुलित हो | जूस इत्यादि ऐसे लिक्विड पदार्थों का सेवन करें जिसमें कैलोरी व शुगर न के बराबर हो | दिन भर में खाद्य पदार्थों के माध्यम से जितनी कैलोरी शरीर में जा रही है कोशिश करके शारीरिक श्रम के माध्यम उस कैलोरी को अनिवार्य रूप से बर्न करना चाहिए | कोशिश यह भी करनी चाहिए कि घर पर छत इत्यादि पर जाने के लिए बनी सीढ़ी पर दिन में कई बार नियमित रूप स चढ़ें उतरे | योग-व्यायाम व हर्बल तथा उपरोक्त को जीवन चर्या में सम्मिलित कर लें तो निश्चित ही मोटापा नामक रोग से छुटकारा पा सकते हैं |



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