शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा जो गुड़हल के फूल को जानता पहचानता नहीं होगा | हाँ यह जरुर है कि अलग अलग भाषाओँ व क्षेत्र में यह अलग - अलग नामों से जाना जाता है | हिंदी में इसे गुड़हल और ओडहुल नामों से जाना जाता है, बंगला में जवा, संस्कृत में जपाती संध्या, गुजराती में जासुद, मराठी में जास्वंद व अंग्रेजी में हिस्विस्कस नाम से जाना जाता है | यह पुष्प आदि शक्ति माँ दुर्गा को अति प्रिय है इसीलिए बहुत से लोग इसे देवी फूल भी कहते हैं | यह फूल जितना देखने में सुन्दर होता है उससे कई गुना ज्यादा इसमें औषधीय गुण भी विद्यमान है | जिस तरह योग शास्त्र में रक्तशोधक के रूप में अनुलोम विलोम प्राणायाम को महत्वपूर्ण बताया गया है उसी प्रकार फूलों में गुड़हल के फूल को उत्तम रक्तशोधक माना गया है | गुड़हल के फूल का पेस्ट बनाकर बालों में लगाने से बाल रेशम की तरह मुलायम व चमकदार होते हैं साथ ही गंजापन दूर होता है | गुण धर्म की दृष्टि से यह मधुर, कफ - पित्त शामक, रक्तशोधक , पुष्टिकारक, मूत्रल तथा रक्तार्श, रक्तातिसार, स्मरण शक्ति की दौर्बल्यता, बुखार, ह्रदय रोग, दाद, प्रमेह, प्रदर, उन्माद, आदि में लाभप्रद है |
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