" एक अनार सौ बीमार "


बहुत पुरानी कहावत है " एक अनार सौ बीमार " | इस कहावत का लोग तरह तरह का अर्थ लगाकर इसे बदनाम करते हैं, कहते हैं कि एक अनार के पेड़ से सौ बीमार होते हैं | लेकिन मेरे हिसाब से अनार वह महाऔषधि है जिसके एक पेड़ से सैकड़ो बीमारियों का इलाज होता है | अनार वह फल है जो पूरे संसार में पाया जाता है | भारत के विभिन्न भाषा क्षेत्र के हिसाब से भिन्न नामों से जाना  जाता है जैसे हिंदी में अनार, मराठी में डालिम्ब, बंगला में दाड़िम व दाड़िमी, संस्कृत में दाडिम, दंतबीजक, तेलगु में दानिम्भ पंडू, गुजराती में दाड्यम, दाडम, अंग्रेजी में पोमेग्रेनेट तथा लैटिन भाषा में प्युनिका ग्रेनेटम इत्यादि नामों से उच्चारित किया जाता है |


                                                           
गुण धर्म कि दृष्टि से यदि देखा जाये तो मीठा अनार तृप्तिकारक, त्रिदोष नाशक, हल्का किंचित कसैला, शुक्रजनक, मलावरोधक, स्निग्ध, बलवर्धक, स्मरण शक्ति वर्धक होता है | साथ ही दाह, तृषा, ज्वर, मुख दुर्गन्ध, हृदयरोग, मुख रोग व कंठ रोग  नाशक है | पित्तशामक, कृमिनाशक पेट रोगों के लिए हितकारी, घबराहट दूर करने वाला अनार स्वर तंत्र, फेफड़े, यकृत,  दिल, आमाशय तथा आँतरोगों के लिए विशेष हितकर है | अनार में एंटीवायरल, एंटीआक्सीडेंट, एंटीट्यूमर इत्यादि जैसे तत्त्व पाए जाते हैं | अनार विटामिन  का एक अच्छा स्रोत है जिसमें विटामिन ए, सी तथा ई की प्रचुरता होती है | पेट की गड़बड़ी और मधुमेह जैसे रोगों में अनार काफी फायदेमंद है | अनार का छिलका, पेड़ की छाल, पत्तियां और अनार के फूल के  सेवन से पेटदर्द में राहत मिलती है | पाचन तंत्र की सभी समस्याओं के निदान में अनार कारगर तो है ही साथ ही अनार की पत्तियों की चाय बनाकर पीने से पाचन सम्बन्धी समस्याओं में आराम मिलता है | दस्त और कालरा जैसी बीमारियों में अनार का जूस पीने से राहत मिलती है | मधुमेह के रोगियों को अनार खाने की सलाह दी जाती है | इससे कारोनरी रोगों का खतरा कम होता है | अनार में आयरन की प्रचुरता होती है, अनार का सेवन व योग के अंतर्गत आने वाले अनुलोम विलोम प्राणायाम तथा कपालभाति की क्रिया रक्त की कमी को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है | सूखे अनार के छिलकों का चूर्ण दिन में ३-४ बार एक - एक चम्मच ताजा पानी के साथ लेने से बार बार पेशाब आने की समस्या ठीक हो जाती है, अनार के छिलकों को पानी में उबाल कर उससे कुल्ला करने से श्वास की बदबू समाप्त हो जाती है, अनार के छिलकों का चूर्ण सुबह शाम आधा आधा चम्मच सेवन करने से बवासीर में भी लाभ मिलता है | खांसी में अनार के छिलके को मुँह में रखकर धीरे धीरे ३-४ बार चूसते रहने से लाभ मिलता है |

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