पौष्टिक तत्वों का भण्डार लीची - योगाचार्य विजय कुमार श्रीवास्तव

लीची का फल
   घनी हरी पत्तियों के बीच गहरे लाल रंग के बड़े बड़े गुच्छों में लटके लीची के फल देखते ही बनते हैं । सुन्दर व स्वादिष्ट फल लीची का अगर मूल देश देखा जाये तो वह है चीन । लेकिन येन केन प्रकारेण भारत इसकी खेती सन 1890 में सर्वप्रथम देहरादून में प्रारंभ हुई। १९७० में देहरादून के ६५०० हेक्टेयर भूमि पर इस स्वादिष्ट फल की खेती होती थी लेकिन वर्तमान में अब लीची की खेती देहरादून के ३०७० हेक्टेयर भूमि पर ही हो रही है , यह सोदबेरी परिवार का श्वेत दुधिया गुदे वाला विटामिन सी से युक्त फल है जिससे हड्डियाँ मजबूत रहती हैं । इसमें जल की प्रचुरता होती है जिससे की गरमी में खाने से शरीर में पानी के अनुपात को संतुलित रखते हुए ठंडक पहुचता है । उत्तम स्वास्थ्य की दृष्टि से देखा जाये तो लीची में पोटेशियम व नैसर्डिक शक्कर की भरमार है । दस लीचियों से हमें लगभग ६५ कैलोरी मिलती है । ज्यादा समय न टिक पाने के कारण इसे एक बार पकने के बाद जल्द ही खा लेना चाहिए । इसके गुदे के अन्दर गहरे भूरे रंग का एक बड़ा बीज होता है जो खाने के काम नहीं आता । लीची को फल के रूप में शरबत, फ्रूट सलाद और आइसक्रीम के रूप में खाने का प्रचलन लगभग पुरे संसार में  है । लीची घनिष्ट पारिवारिक समंधों की प्रतिक समझी जाती है ।

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