करें कपाल भाति व अग्निसार क्रिया तथा पियें तुलसी का रस, नहीं लगेगी लू - योगाचार्य विजय श्रीवास्तव


आ गया गर्मी का दिन, गर्मी की शुरुआत और तापमान 40 -42° C यह कैसा पर्यावरण असंतुलन | अभी इतना तापमान तो आगे मध्य मई और जून में क्या होगा, लगता तो है मई - जून का तापमान चला जायेगा 50 - 52° C | तब लू चलेगी पराकाष्ठा पर | ऐसी स्थिति में लू से बचने के लिए क्या बेल का रस या आम का पना काम करेगा? ऐसा लगता तो नही | प्रचंड तापमान व लू से बचने के लिए प्रात: काल नित्य 10 मिनट कपाल भाति व ५ से ६ बार अग्निसार क्रिया (यौगिक क्रिया) अवश्य करनी चाहिए, जो शरीर के तापमान को चौबीस घंटे के लिए मौसम व पर्यावरण के अनुकूल बना देता है, जाहिर है की जब हमारा शरीर आंतरिक व बाह्यरूप से मौसम के अनुकूल बन जायेगा तो हमारे ऊपर सनबर्न व लू का प्रकोप होगा ही नहीं | इसी प्रकार तुलसी की गर्मी हमारे शरीर की आतंरिक गर्मी को प्राकृतिक बाह्य तापमान से सामंजस्य बैठाता है | लू से बचने के लिए अगर नुस्खा अपनाना चाहते है तो याद रखें यदि धूप या लू की स्थिति में घर से निकलना हो तो चार चम्मच तुलसी के रस में एक चुटकी नमक मिलाकर पीने से लू लगने की आशंका नही रहती | लेकिन याद रहे यदि किसी को 'लू' लग गयी हो तो ऐसी स्थितिमे दो चम्मच तुलसी रस में देशी शक्कर मिलाकर दो-दो घंटे के अंतराल पर देते रहने से चौबीस घंटे के अन्दर पीड़ित व्यक्ति स्वस्थ्य हो जाता है|
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