पथरी और गुर्दे (किडनी) रोगों के लिए रामबाण है खीरा- योगाचार्य विजय
" योग की दृष्टि से कपालभाति करता है किडनी को पुष्ट"
गर्मियों के प्रारम्भ में प्रकृत्ति प्रदत्त औषधीय गुणों से भरपूर सलाद के रूप में प्रयोग किया जाने वाला सब्जी परिवार का प्रमुख सदस्य खीरा प्रचुर मात्रा में बाजार में दिखाई देने लगता है| आम तौर पर इसे उत्तर प्रदेश में खीरा, के नाम से ही जाना जाता है, कहीं कहीं इसे ककड़ी नाम से भी संबोधित किया जाता है. संस्कृत में इसे वृहल्फला तथा मूत्रफला, मराठी में वालुक, गुजराती में काकड़ी, बंगला में काकुर, अंग्रेजी में क्यूकम्बर तथा बोटॉनिकल दृष्टि से क्यूक्युमिस युटिलीस्सीमस के नाम से जाना जाता है.
सलाद के तौर पर प्रयोग किये जाने वाले खीरे में इरेप्सिन नामक एंजाइम होता है जो प्रोटीन को पचाने में सहायक होता है. खीरे में विटामिन ए. , बी. , बी.6 , सी. , डी. , पोटैशियम, फास्फोरस, आयरन आदि प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. खीरा पानी का बहुत अच्छा स्रोत है, इसमें 96 % पानी होता है. खीरा कब्ज से मुक्ति दिलाने के साथ-साथ पेट से जुडी हर समस्या के लिए फायदेमंद साबित होता है. एसिडिटी, छाती के जलन में खीरे का नियमित सेवन लाभप्रद होता है. खीरी में मौजूद सिलिकन और सल्फर बालों के ग्रोथ में मदद करते हैं. खीरा त्वचा को सनबर्न से भी बचाता है. खीरे में साइकोइसोलएरीक्रिस्त्रोल, लैरीक्रिस्त्रोल, पाइनोरीस्त्रोल आदि तत्त्व पाए जाते हैं जो सभी प्रकार के कैंसर जिसमें स्तन कैंसर भी शामिल है के रोकथाम में कारगर है. खीरा गुर्दे को स्वस्थ्य रखने के साथ-साथ गुर्दे की पथरी को समाप्त करने के लिए रामबाण औषधि है. खीरे के नियमित सेवन से मासिक धर्म में होने वाली परेशानियों से छुटकारा मिलता है. खीरे के सेवन से ह्रदय संबंधी रोगों की भी आशंका कम हो जाती है. खीरा में फाइबर व मैग्नीशियम होता है जो है ब्लड प्रेशर में एक तरह से दवा का काम करता हैं. खीरे के एक टुकड़े को जीभ से मुंह के ऊपरी हिस्से पर एक मिनट तक रोकें, ऐसे में खीरे से निकलने वाला फाइटोकेमिकल मुंह की दुर्गन्ध को खत्म करता हैं. खीरे में सीलिशिया प्रचुर मात्रा में होता है जो जोड़ों को मजबूत करता है.
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