बचें विषैले और नशीले कफ सीरप से, बनायें घर पर हर्बल कफ सीरप - योगाचार्य विजय श्रीवास्तव

 शीत ऋतु पर विशेष

सर्दी खांसी, गले में खराश, कफ इत्यादि की समस्या में निश्चित ही बाजारू कफ सीरप प्रभावशाली व लाभ पहुचाते है लेकिन यह भी सत्य है की इसका शरीर पर निश्चित ही अतिरिक्त दुष्प्रभाव भी पड़ता है ।

क्योकि आये दिन कुछ न कुछ देश विदेश के समाचारों से भी पता चलता है कि कफ सीरप पिने से मौत। ये तो आज कल बहुतायत सुनने को मिलता है कि कुछ कफ सीरप में अल्कोहल जैसे नशीले पदार्थों कि अधिकता व मिलावट के कारण लोग चिकित्सा के लिए कम बल्कि नशा के लिए बाजारों से कफ सीरप का पर्योग कर ले रहे है जिसका की निश्चित ही शरीर पर कुप्रभाव पड़ता है । बेहतर यह होगा कि यदि हम इसे हर्बल्स अर्थात घरेलु प्राकृतिक जड़ी बूटियों के सहयोग से घर पर तैयार कर लें तो यह अपना चमत्कारी लाभ तो दिखायेगा ही और न ही कोई दुष्प्रभाव (साइड इफेक्ट ) होगा । यदि २५० मि.ली. पानी में १/२ चम्मच सोंठ, काली मिर्च, पीपर व छोटी इलायची का पाउडर, एक चम्मच शक्कर व एक चम्मच तुलसी पत्ती का पेस्ट मिलकर धीमी आंच पर खौलाकर आधा हो जाने तक पकाएं, तत्पश्चात उसे छान लें उसके बाद उसमें दो चम्मच शहद व चौथाई नीबू का रस मिलाकर ठंडा होने दें ।                                                                 
                                                                      
  अब ये तैयार हो गया होम मेड अति उत्तम हर्बल कफ सिरप । सेवन की दृष्टि से दिन में तीन से चार बार लेना श्रेयष्कर होगा । छोटे बच्चों को छोडकर अन्य आयुवर्ग के लोग यदि उक्त हर्बल सिरप के अलावा शीत को दृष्टिगत करते हुए योग के अंतर्गत आने वाले भ्रस्त्रिका व सुर्यभेदी प्राणायाम तथा सूर्य नमस्कार व योग मुद्रासन का नियमित अभ्यास शारीरिक क्षमतानुसार नियमित करें तो शारीरिक ऊष्मा व उर्जा बनी रहेगी


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